Wednesday, September 16, 2009

अमेरिकी कंपनियाँ मप्र में निवेश को इच्छुक

अमेरिकी बैंकें भारत आना चाहती हैं, रिजर्व बैंक इजाजत नहीं दे रही है
अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के आर्थिक व राजनीतिक मामलों के प्रमुख से मनीष उपाध्याय की खास बातचीत
इंदौर। देश के मध्य में स्थित होने के कारण कई अमेरिकी कंपनियाँ मध्यप्रदेश में निवेश करने को इच्छुक हैं। एफडीआई की सीमा बढ़ने पर निवेश में तेजी आ सकती है। इसके अलावा अमेरिका की इस वर्ष एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ाने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि पिछले साल ही तय कोटे से कम वीजा आवेदन आए थे।
यह बात मुंबई में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के आर्थिक व राजनीतिक मामलों के प्रमुख माइकल न्यूबिल ने नईदुनिया के साथ विशेष बातचीत में कही। दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हिन्दी और उर्दू का अध्ययन करने वाले श्री न्यूबिल ने बताया कि कई अमेरिकी कंपनियाँ अभी तक केवल भारत के समुद्र तटीय क्षेत्रों के आसपास ही स्थित हैं। मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित है, इसलिए कई अमेरिकी कंपनियों की इस राज्य में आने में रुचि है। कंपनियाँ इस राज्य के जरिए पूरे देश में अपने सामानों का वितरण कर सकेंगी। मध्यप्रदेश में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता को महत्वपूर्ण बताते हुए श्री न्यूबिल ने कहा कि भारत में ही मौजूद कई अमेरिकी कंपनियाँ अपना एक्सपांशन मध्यप्रदेश में आकर करने की इच्छा रखती हैं।
कम वीजा आवेदन आएश्री न्यूबिल ने बताया कि फिलहाल भारत में कोई भी नया वीजा सेंटर खोलने का कई इरादा नहीं है। हाल ही में हमने हैदराबाद में वीजा सेंटर खोला है। फिलहाल एच-1बी वीजा की संख्या फिलहाल नहीं बढ़ाई जाएगी, क्योंकि इस साल ही तय कोटे से कम संख्या में इस श्रेणी के वीजा के आवेदन आए है। इसकी वजह अमेरिका की आर्थिक मंदी भी हो सकती है।
भारत पर नजरकई अमेरिकी कंपनियाँ भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं। कई अमेरिकी बैंकें भारत आना चाहती हैं, लेकिन आरबीआई इजाजत नहीं दे रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई कंपनियाँ आना चाहती हैं। बैंक, बीमा, रिटेल जैसे क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं, यदि इन क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ाया जाता है, तो निश्चित रूप से अमेरिकी कंपनियाँ अपना निवेश बढ़ाना चाहेंगी। अमेरिकी कंपनियाँ मप्र में निवेश को इच्छुक अमेरिकी बैंकें भारत आना चाहती हैं, रिजर्व बैंक इजाजत नहीं दे रही है

Monday, September 7, 2009

चूम लिया 16000

16016.32अंक पर सेंसेक्स बंद
4782.90अंक पर निफ्टी

मुंबई। विदेशों के तेजी के समाचार और एफआईआई की चौतरफा खरीदी से सोमवार को घरेलू बाजारों ने जबर्दस्त छलांग लगाई। सेंसेक्स 327 अंक के उछाल के साथ करीब 15 महीनों के उच्चतम स्तर के रिकार्ड को तोड़ते हुए महत्वपूर्ण मनौवैज्ञानिक स्तर 16 हजार के स्तर को पार कर गया। निफ्टी भी 102 अंकों की बढ़त के साथ 30 मई 2008 के बाद के उच्चतम स्तर 4782.90 अंक पर बंद हुआ। रियलटी, धातु, बैकिंग, ऑटो, पॉवर और तेल एंव गैस इंडेक्स के शेयरों में जोरदार खरीदी देखी गई।टाटा मोटर्स, रिलायंस कम्युनिकेशन्स, आईसीआईसीआई तथा जयप्रकाश एसोसिएट्स के शेयरों में जबर्दस्त बढ़त ने बाजार को आधार दिया। बीएसई मेंं कारोबार की शुरूआत 104 अंकों की बढ़त के साथ 15793.27 अंक से हुई। कारोबार के दौरान यह 16035.50 अंक ऊपर और 15793.27 अंक नीचे जाते हुए पिछले कारोबारी दिन के 15689.12अंक की तुलना में 327.20 अंक अर्थात 2.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16016.32 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 4682.40 अंका पर स्थिर खुला और कारोबार के दौरान 4790.00 अंक ऊँचे में और 4679.30 अंक नीचे में रहते हुए अंत में पिछले कारोबारी दिन के 4680.40 अंकों की तुलना में 102.50 अंक अर्थात 2.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4782.90 अंक पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मालकैप का प्रदर्शन भी अच्छा रहा।मिडकैप में 134.55 अंक अर्थात 2.31 प्रतिशत और स्मालकैप में 197.96 अंक अर्थात 2.83 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
2243 कंपनियाँ फायदे
menbiiyesaee में कारोबार के दौरान कुल 2885 कंपनियों के शेयरों के सौदे हुए जिनमें से 2243 लाभ में और 589 घाटे में रहे। शेष 53 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई में सिर्फ एफएमसीजी में (8.08 प्रतिशत नुकसान)को छोड़कर सभी वर्ग मुनाफे में रहे। शेयरों में केवल आईटीसी में 0.92 प्रतिशत और महिन्द्रा एंड महिन्द्रा 0.53 प्रतिशत का नुकसान हुआ ।
उछलने वाले इंडेक्सप्रतिशत में-
रियलटी 5.49, मेटल 3.59, बैंकिंग में 3.10, सीडी में 2.70, ऑटो में 2.45, टेक 2.31, पीएसयू में 2.17, सीजी में 1.70, तेल एंव गैस में 1.51, एचसी 1.47, पॉवर में 1.39 और आईटी में 1.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उछलने वाले शेयरप्रतिशत में-टाटा मोटर्स 11.32, रिलायंस कम्युनिकेशन्स 6.62, आईसीआई 6.01, जयप्रकाश एसोसिएट 5.99, स्टरलाइट 5.38, डीएलएफ 5.03, भारती एयरटेल 3.78, टीसीएस 3.48, हिंडाल्को 3.00, एसबीआई 2.90, टाटा स्टील 2.72, एचडीएफसी 2.29, टाटा पॉवर 2.12, एलएंडटी 1.83, सन फार्मा 1.55, रिलायंस इंफ्रा 1.51, हीरो होंडा 1.39, ग्रासिम इंडस्ट्रीज 1.32, एसीसी लिमिटेड 1.14 और इंफोसिस 1.05 प्रतिशत फायदे में रहे।

baaksayah रही
तेजी की मूल वजह-
गत सप्ताह लंदन में सम्पन्ना जी-20 वित्त मंत्रियों की बैठक में वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए राहत पैकेजेस जारी रखने का फैसला लिया गया था। इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में उछाल गया, फलस्वरुप घरेलू बाजारों में भी रिकार्डतोड़ तेजी दर्ज की गई।
-पिछले कुछ हफ्तों में देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश होने से निवेशकों का मनोबल खरीदी के लिए मजबूत हुआ।
-खुलने के पहले ही दिन ऑइल इंडिया के आईपीओ को जोरदार समर्थन मिलने से खरीदी को बढ़ावा मिलाा।-सरकार द्वारा इस वित्त वर्ष में विकास दर 6 प्रतिशत से अधिक रहने के अनुमान ने भी तेजी को बढ़ावा दिया।
बाक्सविदेशी बाजारों मेंभी खासी
तेजीचीन में हालात सुधरने तथा अमेरिका में बेरोजगारी के आँकडों में सुधार की खबरों से विदेशी बाजारों में खासी तेजी रही। यूरो फर्स्ट में 1.3 प्रतिशत, एफटीएसई में 1.4 प्रतिशत, चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.7 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया के आस्सी में 0.4 प्रतिशत, जापान के निक्केई में 1.3 प्रतिशत की तेजी रही।
बाक्सआगे भी तेजी के संकेतविश्लेषकों का अनुमान है कि मौजूदा तेजी अल्पावधि में जारी रह सकती है। इसका कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के मिल रहे संकेत है।
ट्रेडिंग वॉल्यूमट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़कर 6099.73 करोड़ रु. रहा, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 5722.02 करोड़ रु. रहा था।

Thursday, September 3, 2009

आईपीओ बाजार पर फिर मंडराए संकट के बादल!

वोकहार्ट हॉस्पिटल और एमार एमजीएफ के पिछले साल फरवरी में इश्यू वापस लेने के बाद आईपीओ बाजार में जान लौटनी
शुरू ही हुई थी कि एक बार फिर से इस पर काले बादल मंडराने लगे हैं। नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्प. (एनएचपीसी) की मंगलवार को कमजोर लिस्टिंग से आईपीओ बाजार के ठंडा पड़ने की आशंका बन गई है। पिछले दो महीने में यह दूसरा आईपीओ है, जिसकी लिस्टिंग फीकी रही। शेयर बाजार के जानकार आने वाले आईपीओ के लिए भी बुरे वक्त की भविष्यवाणी कर रहे हैं। नए इश्यू के खराब प्रदर्शन से सरकार की विनिवेश योजना को भी झटका लग सकता है। आईपीओ बाजार को ट्रैक करने वाली संस्था प्राइम डाटाबेस के मैनेजिंग डायरेक्टर पृथ्वी हल्दिया ने बताया, 'एनएचपीसी जैसी अच्छी कंपनी के आईपीओ की खराब लिस्टिंग आईपीओ बाजार के लिए शुभ संकेत नहीं है।
उस वक्त जब आईपीओ बाजार वापसी से काफी दूर है।' सरकारी हाइड्रो पावर कंपनी का शेयर मंगलवार को 39 रुपए पर खुला और इसका अधिकतम भाव 39.75 रुपए रहा। 36 रुपए के इश्यू प्राइस वाला यह शेयर 36.70 रुपए पर बंद हुआ। बाजार के कई जानकारों ने एनएचपीसी के आईपीओ को महंगा बताया था। ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए ने तो इस हाइड्रो पावर कंपनी के आईपीओ के बदले सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी के शेयर खरीदने की सलाह दी थी। हालांकि निवेशकों ने लिस्टिंग के दिन मुनाफे के लिए एनएचपीसी के आईपीओ को सब्सक्राइब कराया था। बड़े निवेशकों (एचएनआई) ने कर्ज लेकर इश्यू के लिए आवेदन किया था। उन्हें इससे अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी। हालांकि लिस्टिंग के दिन वह अपनी लागत भी नहीं वसूल पाए। ब्रोकरों के मुताबिक, एनएचपीसी आईपीओ की फंडिंग लागत 8.25 रुपए से 10 रुपए के बीच रही। इसका मतलब यह है कि अगर शेयर 44.25 रुपए से 46 रुपए के बीच लिस्ट होते तभी बड़े निवेशक लागत वसूल पाते।